Diwali-Chhath: दीवाली-छठ के लिए घर जाने की बेताबी, रेलवे स्टेशनों पर भीड़ का नजारा
Diwali-Chhath: हर साल दीवाली और छठ पूजा के अवसर पर देश के हर कोने से लोग अपने घरों की ओर यात्रा करते हैं। इस यात्रा के दौरान रेलवे स्टेशनों पर भीड़ इतनी अधिक हो जाती है कि इसे देखकर हैरानी होती है। वापी रेलवे स्टेशन, जो वलसाड जिले में स्थित है, पर हाल ही में बांड्रा-पटना ट्रेन के आने से पहले ही प्लेटफॉर्म नंबर तीन पर खड़े होने की कोई जगह नहीं थी। सोमवार को दीवाली से पहले बांड्रा-पटना ट्रेन को चढ़ने के लिए लोगों के बीच मचा था हंगामा। यह ट्रेन उत्तर प्रदेश और बिहार के प्रमुख स्टेशनों पर रुकती है, जिसके कारण इसकी भीड़ अत्यधिक होती है।
रेलवे स्टेशन पर भीड़-भाड़
सोमवार को वापी रेलवे स्टेशन पर इतनी भीड़ थी कि पुलिस को चौकस रहना पड़ा ताकि कोई अप्रिय घटना न हो। यात्रियों को हर कोच में चढ़ने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा था। जीआरपी पुलिस और आरपीएफ के कर्मी पूरी तरह से सतर्क थे और यात्रियों को ट्रेन में चढ़ने में मदद कर रहे थे।
उत्तरी भारतीयों की बड़ी संख्या
वापी और उसके आस-पास के क्षेत्र जैसे दमन और दादरा नगर हवेली में कई कंपनियों में काम करने वाले श्रमिकों की बड़ी संख्या है। इसी कारण से इस क्षेत्र में उत्तर भारतीयों की संख्या अधिक है। इसके अलावा, दीवाली और छठ पूजा के अवसर पर घर जाने के लिए ट्रेनों की कोई विशेष व्यवस्था नहीं है। रेलवे विभाग अब मुंबई में हुई हालिया घटना के बाद से पूरी तरह से सतर्क है।
पटना जंक्शन पर भीड़
पटना जंक्शन पर भी हालात कुछ अलग नहीं थे। यहां राज्या रानी एक्सप्रेस ट्रेन में सवार होने के लिए यात्रियों में इतनी भीड़ थी कि लोग आपातकालीन खिड़की से अंदर जाते हुए दिखाई दिए। जब ट्रेन पटना से साहारसा आई, तब सीटों के लिए लड़ाई शुरू हो गई। यात्री जिन्होंने ट्रेन से उतरना भी नहीं था, वे चढ़ने वाले यात्रियों के साथ भीड़ में धकेलने लगे। लड़कियों को भी आपातकालीन खिड़की से अंदर जाते हुए देखा गया, जबकि जो लोग अंदर नहीं जा पा रहे थे, वे सामान्य खिड़की से हाथी या तौलिये फेंककर सीटें छीनने की कोशिश कर रहे थे।
त्योहार का महत्व
यात्रियों ने कहा कि यह एक बड़ा त्योहार है और उन्हें किसी भी कीमत पर घर जाना है। दीवाली और छठ पूजा जैसे पर्वों पर घर जाने का यह एक अद्वितीय महत्व है। परिवार के साथ समय बिताने और परंपराओं का पालन करने की इच्छा लोगों को इन कठिनाइयों का सामना करने के लिए प्रेरित करती है।
रेलवे विभाग की तैयारी
इस भीड़-भाड़ को देखते हुए रेलवे विभाग ने यात्री सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रखते हुए कुछ विशेष व्यवस्थाएं की हैं। हालांकि, अभी भी यात्रियों को इस तरह की कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। अधिकारियों ने यात्रियों को सलाह दी है कि वे समय से पहले अपनी यात्रा की योजना बनाएं और अपने टिकट सुनिश्चित करें।
यात्री अनुभव
कई यात्री अपने अनुभव साझा करते हैं। एक यात्री ने कहा, “हमारे लिए यह त्योहार बहुत खास है। हमें घर जाना है, चाहे कुछ भी हो।” दूसरों ने कहा कि उन्होंने इस तरह की भीड़-भाड़ पहले भी देखी है, लेकिन इस बार यह और भी अधिक थी।
सामाजिक और आर्थिक कारक
इस भीड़-भाड़ का एक बड़ा कारण सामाजिक और आर्थिक कारक भी हैं। कई लोग साल भर काम करते हैं और त्योहारों के समय पर घर जाकर अपने परिवार के साथ मिलना चाहते हैं। इसके अलावा, कई लोगों के लिए दीवाली और छठ पूजा जैसे त्योहार परिवार के एकत्रित होने का समय होते हैं, जिससे उनकी पारिवारिक संबंधों में मजबूती आती है।
दीवाली और छठ पूजा के समय पर घर जाने की यह प्रक्रिया लोगों की संस्कृति और परंपराओं का एक अहम हिस्सा है। इसके पीछे की कहानियाँ और संघर्ष न केवल उनके लिए, बल्कि पूरे समाज के लिए महत्वपूर्ण हैं। यह स्पष्ट है कि लोग अपने परिवार के साथ त्योहार मनाने के लिए किसी भी कठिनाई का सामना करने के लिए तैयार हैं।
वापी और पटना जैसे रेलवे स्टेशनों पर होने वाली भीड़ इस बात का प्रमाण है कि त्योहारों का महत्व कितना बड़ा है। रेलवे विभाग को इस तरह की भीड़-भाड़ के समाधान के लिए और अधिक प्रयास करने की आवश्यकता है ताकि यात्रियों को सुरक्षित और सुविधाजनक यात्रा का अनुभव मिल सके।